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(DOWNLOAD) "Do Bailon Ki Atmakatha - (दो बैलों की आत्मकथा)" by Vinod Vimal Baliya " Book PDF Kindle ePub Free

Do Bailon Ki Atmakatha - (दो बैलों की आत्मकथा)

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eBook details

  • Title: Do Bailon Ki Atmakatha - (दो बैलों की आत्मकथा)
  • Author : Vinod Vimal Baliya
  • Release Date : January 17, 2020
  • Genre: Fiction & Literature,Books,
  • Pages : * pages
  • Size : 874 KB

Description

अन्न पैदा करना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमे प्रकृति का समया-अनुकूलता से सीधा संबंध है। आज के दौर में खेती-किसानी विषमताओं से भरी हुई है जिसमें जोखिम ज्यादा है। ऊपर से पूंजीवाद ने कृषि को भी अछूता नहीं छोड़ा, वहाँ भी पूंजीवाद ने अपना रंग दिखाना शुरु कर दिया है। किसान के लागत और लाभ में तुच्छ अन्तर होता जा रहा है। जिसका परिणाम लगातार गबरूओं का जाना हो रहा है। गबरू की समस्या व्यक्तिगत नहीं है जिसका हल उसे खुद निकालना है यह तो सर्वभामिक और सर्वहारी है। गबरू के जाने के बाद उसके दो बैलों को भी अभी समस्याओं से दो-चार होना है। किसानों और बैलों दोनो की समस्या आज के दौर में एक समानान्तर लाइन की तरह चलती जाने वाली प्रक्रिया प्रतीत हो रही है। अभी तो माणिक और नीलम का चरित्र चित्रण बाकी ही है।


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